Monday, January 30, 2006

सिर्फ ढाई राज्यों की भाषा है हिन्दी?

अंग्रेजी कारोबारी दैनिक बिजनेस स्टैंडर्ड ने एक खबर छापी है जिसमें टेलीकॉम के क्षेत्र में भारतीय भाषाओं में हो रहे काम का जिक्र है। खबर में मौज टेलीकॉम के सीईओ अरुण गुप्ता साहब फरमाते हैं कि हिंदी सिर्फ पंजाब, उत्तर प्रदेश और बिहार व मध्यप्रदेश के कुछ अंचलों में ही बोली जाती है। इससे गुप्ता साहब के सामान्य ज्ञान का तो पता चलता ही है, बिजनेस स्टैंडर्ड के स्वनामधन्य पत्रकारों की मेधा का भी परिचय मिलता है जिन्होंने उनकी बात पर न सिर्फ यकीन किया बल्कि प्रकाशित भी किया। अरे भाई, छापने से पहले अपने दफ्तर में ही लोगों से पूछ लिया होता। तरस आता है ऐसे पत्रकारों के ज्ञान पर। आप भी पढ़ें-



मूल वेबसाइट पर पढ़ें

3 Comments:

At 7:22 PM, Blogger हिंदी ब्लॉगर/Hindi Blogger said...

क्या बात है! भारत को विविधताओं वाला देश ऐसे ही नहीं माना जाता. सचमुच में यहाँ मानव प्रजाति के करोड़ो प्रकार निवास करते हैं. इन्हीं में से एक अनूठे प्रकार के हैं अरूण गुप्ता साहब.

ऐसे भयानक सामान्य-ज्ञान वाले साहब को तो अमरीका में रहना चाहिए था. क्योंकि अमरीका की एक बड़ी आबादी अब भी दिल से स्वीकार नहीं करती कि दुनिया गोल है.

वैसे गुप्ता साहब की कंपनी का नाम बहुत ही ज़बरदस्त है- मौज टेलीकॉम. लगे रहो इंडिया!

 
At 10:27 PM, Blogger Tarun said...

According to Mr. Gupta, English Speaking people are 3-5% and Hindi speaking only some parts of 3-4 states of India means even less than 3-5%. Now the question is in which language they (people of India) doing conversation with each other. And in which language other people are speaking? It seems majority of public use sign language to speak. If you think logically (or do calculate based on his talk).

Sorry to write in English.

 
At 7:46 AM, Blogger अनूप शुक्ल said...

अरे मौज टेलीकाम वाले मौज ले रहे होंगे। मौजै-मौज है!

 

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