Monday, May 22, 2006

बचाओ! शेयर बाजार का सर्किट टूटा

यूनीवार्ता ने एक लाइन का यह फ्लैश देकर चौंका दिया कि शेयर बाजार के सर्किट टूटने से कारोबार एक घंटे के लिए रोकना पड़ा।


कोई आधे घंटे बाद यूनीवार्ता की वेबसाइट पर विस्तृत खबर देखने को मिली जिसमें भी यही लिखा था कि शेयर बाजार आज इतना ज्यादा गिर गया कि वहां की कम्प्यूटर प्रणाली ठप्प हो गई और कारोबार एक घंटे के लिए रुक गया। समझ नहीं आया कि शेयर भावों का कम्प्यूटर प्रणाली के ठप्प होने से भला क्या संबंध? क्या शेयर भावों के एक निश्चित दर से नीचे जाने पर कम्प्यूटर काम करने से इंकार कर देता है? हम तो यही समझते आए थे कि उसका काम महज डेटा की प्रोसेसिंग, भंडारण और प्रदर्शन करना है। लेकिन डेटा अगर मनमाफिक न हो तो वह हड़ताल भी कर सकता है, यह समझ से बाहर था।


कुछ देर बाद समझ में आया कि भाईलोगों ने अनुवाद की बड़ी भीषण गलती की है। शेयर बाजार में सर्किट ब्रेकर नामक टर्म का खूब इस्तेमाल होता है। स्टॉक एक्सचेंज यह देखते हैं कि किसी एक शेयर के भाव अचानक बहुत ज्यादा ऊपर या नीचे न चले जाएं और इसी मकसद से सर्किट ब्रेकर नामक व्यवस्था का इस्तेमाल किया जाता है। जैसे ही किसी छोटी कंपनी के शेयर के भाव 20 फीसदी गिर या चढ़ जाते हैं तो स्टॉक एक्सचेंज सर्किट ब्रेकर का प्रयोग कर उस शेयर में कारोबार रोक देता है। बड़ी कंपनियों के लिए यही दर दस या पांच फीसदी हो सकती है। इसी तरह जब पूरे स्टॉक एक्सचेंज सूचकांक में ही दस फीसदी से ज्यादा की गिरावट आ जाए तो भी सर्किट ब्रेकर का प्रयोग किया जाता है। आज, यानी 22 मई को यही हुआ। बीएसई सेन्सेक्स में 1112 अंकों की गिरावट आई और सर्किट ब्रेकर लागू कर कारोबार एक घंटे के लिए रोक दिया गया। मगर अपने अनुवादक पत्रकार बंधु को लगा कि बीएसई में कम्प्यूटरों की वायरिंग या सर्किटों में खराबी आ गई है जिससे मजबूरन कारोबार रुका है। व्यापार डेस्क संभालने वाले ये पत्रकार बंधु धन्य हैं।

सर्किट ब्रेकर पर परिभाषात्मक टिप्पणी यहां पढ़ें।

4 Comments:

At 5:33 PM, Blogger Udan Tashtari said...

बडी तेज़ गिरावट ज़ारी है....

 
At 7:13 PM, Blogger Basera said...

भाई तुम बहुत बढ़िया बढ़ीया चीज़ें दिखाते हो।

 
At 12:31 AM, Blogger Srijan Shilpi said...

अनुवाद की उक्त भूल, विषय से अनभिज्ञ युवा पत्रकार से हुई होगी। आवश्यकता पड़ने पर अपने वरिष्ठ साथियों से संक्षिप्त चर्चा कर लेने से इस तरह की भूलों से बचा जा सकता है।
आपकी पैनी नजर का तो मैं कायल हो गया, बालेन्दु जी।

 
At 1:29 AM, Blogger Yugal said...

क्या खूब नजर है भई वाह

 

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