Monday, November 27, 2006

सिर्फ 525 किलोमीटर दूर से आई है खबर

नवभारत टाइम्स में लोकरुचि की एक खबर छपी है एक मंदिर के बारे में जहां फूल नहीं, पत्थर चढ़ाए जाते हैं। खबर तो ठीक है, लेकिन मंदिर की भौगोलिक स्थिति का विवरण देते हुए लेखक ने लिखा है कि यह स्थान जयपुर से 525 किलोमीटर दूर है। किसी अनजान स्थान की पहचान कराने के लिए निकट के शहरों का नाम लिखने की परंपरा तो है। लेकिन उसे 525 किलोमीटर दूर के शहर से जोड़कर देखने की कम से कम मेरी जानकारी में तो यह पहली मिसाल है। इतनी लंबी दूरी में तो राज्य ही बदल जाते हैं। क्या लेखक को इससे कम दूरी में कोई और शहर दिखाई नहीं दिया?

Thursday, November 23, 2006

पंजाब केसरी ने फिर पढ़ ली मन की बात

पंजाब केसरी लोगों के मन की बात पढ़ने में माहिर लगता है। जरा राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम और सीबीआई प्रमुख विजय शंकर के इस चित्र का कैप्शन देखिए-