Thursday, October 16, 2008

1.2 भारतीयों को गिनना पड़े तो कैसे गिनेंगे

जोश 18 ने वाकई बहुत चिंताजनक खबर दी है। वेबसाइट के अनुसार, सिर्फ 1.2 भारतीयों के पास स्वास्थ्य बीमा है। कितने बड़े आश्चर्य और दुःख की बात है। उससे भी ज्यादा आश्चर्य की बात यह है कि जोश वालों ने 1.2 व्यक्ति की गणना किस तरह की होगी? किसी जमाने में जयपुर के महाराजा सवाई कहलाते थे। यानी सवाया शक्ति वाले। यहां भी कुछ ऐसा ही लग रहा है। हालांकि यहां व्यक्ति सवाई से थोड़ा सा कम है। (हालांकि यह खबर भेजने वाले साथी बलविंदर सिंह पाबला ने साफ कर दिया है कि भाई लोग प्रतिशत लगाना भूल गए)।

Wednesday, October 15, 2008

Oops we did it again! हम फिर कर बैठे गलती!

प्रभासाक्षी में नकद आरक्षी अनुपात (Cash Reserve Ratio या CRR) कम किए जाने के बारे में प्रमुखता से छपी खबर में हम लोग भारी चूक कर गए। खबर के हैडिंग में सीआरआर कम किए जाने की बात है और इन्ट्रो में बढ़ाए जाने की। अब इसे क्या कहें? पर उपदेश कुशल बहुतेरे? (यह स्थिति प्रभासाक्षी में करीब आधे घंटे रही और साथियों की नजर पड़ते ही दुरुस्त कर दी गई, मगर तब तक स्क्रीनशॉट लिया जा चुका था)।

Tuesday, October 14, 2008

बैंक ऑफ अमेरिका बना बैंक ऑफ बड़ौदा

याहू और जागरण की साझा वेबसाइट पर बैंक ऑफ अमेरिका से संबंधित खबर जा रही है मगर लोगो लगा है बैंक ऑफ बड़ौदा का। लगता है पत्रकार महोदय पर मंदी की विश्वव्यापी व्यथा का कुछ ज्यादा ही असर हो गया। (बलबिंदर सिंह पाबला ने भेजा)।

Monday, October 13, 2008

अभिषेक और राज ठाकरे पर भारी हरी पुत्तर!

हिंदी इकॉनॉमिक टाइम्स के एक विशेष सेक्शन 'शोबिज स्पेशल' में अभिषेक बच्चन का बयान छपा कि उन्हें राज ठाकरे से कोई समस्या नहीं है और उन्होंने राज को द्रोण के प्रीमियर का न्यौता भेजा है। यहां तक तो ठीक है मगर फोटो लगाया गया है 'हरी पुत्तर' फिल्म के हीरो ज़ैन खान का। अभिषेक या राज का चित्र लगता तो बेहतर होता।

Saturday, October 11, 2008

यह किस किस्म की 'अमेरिकी दादागिरी' है?

एनडीटीवी खबर की वेबसाइट पर लगा यह चित्र देखिए। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, विदेश मंत्री प्रणव मुखर्जी और डॉ. कर्ण सिंह किसी कार्यक्रम में साथ-साथ बैठे हैं। प्रधानमंत्री और प्रणव मुखर्जी आपस में बात कर रहे हैं। उनके चेहरों से किसी किस्म की उलझन, आशंका या निराशा प्रकट हो रही हो, ऐसा कम से कम हमें तो नहीं दिखता। लेकिन वेबसाइट ने कैप्शन लगाया है- अमेरिकी दादागिरी का असर। पाठकगण, आप ही बताएं ये किस दादागिरी की बात हो रही है और उसका कौनसा असर इस फोटो में दिखाई दे रहा है?

Wednesday, October 08, 2008

सीआईए की बैठकों में जाने लगीं सोनिया गांधी?

अगर वाकई ऐसा हो जाए तो बहुत बड़ा राजनैतिक बखेड़ा खड़ा हो जाए। दैनिक हिंदुस्तान की वेबसाइट पर सोनिया गांधी का चित्र लगाकर खबर दी गई कि कांग्रेस अध्यक्ष सीआईए की बैठक में शामिल हुई हैं। माना कि भारत और अमेरिका करीब आए हैं मगर इतने करीब?

Tuesday, October 07, 2008

गांधी के नाम पर विज्ञापन जिसमें गांधी कहीं नहीं

लीजिए एक बार फिर विज्ञापन की बात आ गई। दैनिक ट्रिब्यून में गांधी जयंती के अवसर पर हरियाणा सरकार की ओर से मुफ्त रिहायशी प्लाटों का आवंटन किया गया। इसके लिए चौथाई पेज का विज्ञापन दिया गया जिसमें बार-बार कहा गया कि यह योजना गांधी जयंती के शुभ अवसर पर आई है। फोटो लगाए गए- सोनिया गांधी, डा. मनमोहन सिंह, हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और फरीदाबाद के सांसद अवतार सिंह भड़ाना के। मगर जिन गांधीजी के नाम पर सब कुछ किया गया उनका चित्र लगाने के लिए भाई लोगों ने आधा इंच स्पेस भी जाया करना जरूरी नहीं समझा।

Monday, October 06, 2008

लंबी हांकने वाले अखबार सिर्फ हमारे यहां ही नहीं हैं

यदि आपसे पूछा जाए कि विश्व का महानतम अखबार कौनसा है, तो आपका क्या जवाब होगा? शायद यही कि ऐसा कोई अखबार अभी आना बाकी है। या फिर हो सकता है कि आप न्यूयार्क टाइम्स, वाशिंगटन पोस्ट, द गार्जियन, द टाइम्स या ऐसे ही किसी विश्व दिग्गज का नाम लें। मगर नहीं, विश्व का सबसे महान अखबार है ब्रिटेन का 'द एक्सप्रेस'। कम से कम उसने खुद तो यही निष्कर्ष निकाला है। अखबार के मास्टहेड पर प्रमुखता से छापा जा रहा है कि यही है दुनिया का सबसे लोकप्रिय नहीं, सर्वश्रेष्ठ भी नहीं, सबसे बढ़ता हुआ भी नहीं, सबसे ज्यादा पेजों वाला भी नहीं, बल्कि सबसे महान अखबार। World's greatest newspaper.