Sunday, March 08, 2009

गैंगस्टर जज ने, भरी अदालत में, जेलर की वर्दी उतरवाई!!

:senam:लगता है होली का पता चलते ही इस संवाददाता ने भंग का रंग जमाने की कोशिशें शुरू कर दी है। इनकी मंडली में इनके बाकी साथी भी शामिल हैं, इसमें कोई शक नहीं। वरना अलग-अलग डेस्क से गुजरती इस पुलिस अधिकारियों की वर्दी उतारने वाली खबर को, फिल्मी सीन के ख्वाब देखते हुए, इस तरह पेश न करते

आपको शक हो रहा है तो देख लीजिए पुलिस वालों की वर्दी , भरी अदालत में उतरवाने वाले जज साहब की खबर, जागरण के ऑनलाईन संस्करण पर। गलती एक बार हो सकती है, लेकिन तीन-तीन बार?

:damn:
खबर को तीन दिन हो चुके हैं, लेकिन इस पोस्ट के लिखे जाते तक गलती वैसी की वैसी ही है।

अब तो आप भी भंग की तरंग में आ गये होंगे?

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